पैरिस पैरालिंपिक्स 2024: दिन 11 - पूजा ओझा की धुँआधार प्रदर्शन और समापन समारोह के मुख्य अंश
पैरिस पैरालिंपिक्स 2024: 11वें दिन की मुख्य झलकियाँ
भारत ने पैरिस पैरालिंपिक्स 2024 में अपने प्रदर्शन से सारी दुनिया का दिल जीत लिया है। 11वें दिन की घटनाओं ने न सिर्फ खेलप्रेमियों के दिलों में जगह बनाई, बल्कि भारतीय एथलीटों की उत्कृष्टता भी दिखाई।
पूजा ओझा की कयाक सिंगल 200 मीटर KL1 स्पर्धा
पूजा ओझा ने महिलाओं की कयाक सिंगल 200 मीटर KL1 इवेंट में प्रभावशाली प्रदर्शन किया। यह इवेंट भारतीय खेलप्रेमियों के लिए उम्मीद से भरपूर था क्योंकि पूजा ने अपनी टीम का बेहतरीन प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने इस इवेंट में जबरदस्त मेहनत के साथ भाग लिया, और अंतिम दौर में पहुंचने में सफल रहीं।
भारत की पदक तालिका
भारत ने पैरालिंपिक्स 2024 में पदकों के हिसाब से अपनी स्थिति को मजबूत किया है। वर्तमान में, भारत 16वें स्थान पर है और 26 पदक जीत चुका है। इसमें 6 स्वर्ण, 9 रजत और 11 कांस्य पदक शामिल हैं। यह पदक संख्या भारतीय पैरालंपिक समिति द्वारा अनुमानित 25 पदकों की संख्या से भी अधिक है।
- नवदीप का जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक
- प्रवीण कुमार का पुरुषों की हाई जंप में स्वर्ण
- हरविंदर सिंह और प्रीति पाल समापन समारोह में ध्वजवाहक
नवदीप के जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक ने भारत के पदकों की संख्या में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके अलावा, प्रवीण कुमार ने पुरुषों की हाई जंप T64 इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया।
समापन समारोह की तैयारी
समापन समारोह 8 सितंबर 2024 को रात 11:30 बजे IST पर होना है, और भारतीय दल के ध्वजवाहक हरविंदर सिंह और प्रीति पाल होंगे। यह समारोह केवल एक समापन नहीं है, बल्कि भारतीय खिलाड़ियों की मेहनत और संघर्ष की कहानी का उत्सव भी है। जैसे-जैसे समापन समारोह का समय नजदीक आ रहा है, खिलाड़ियों और दर्शकों में उत्साह चरम पर है।
अन्य प्रमुख स्पर्धाएँ और खिलाड़ी
भारतीय एथलीटों के बेहतरीन प्रदर्शन को भी नहीं भुलाया जा सकता। आज के दिन ट्रैक और फील्ड स्पर्धाओं में सिमरन शर्मा और दिलीप गवित भी हैं। इन खिलाड़ियों ने केवल अपने खेल कौशल का परिचय नहीं दिया, बल्कि अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प का भी प्रदर्शन किया है।
आज के दिन की हर घटना में भारतीय खिलाड़ियों ने अपना सब कुछ झोंक दिया है। चाहे वह कॉम्पिटिशन हो या ट्रैक स्पर्धा, हर जगह भारतीयों का दबदबा देखा जा रहा है। यह उनके कठिन परिश्रम और बड़े सपनों का फल है।
इस प्रकार पैरिस पैरालिंपिक्स 2024 के 11वें दिन ने भारतीय खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। भारतीय खिलाड़ियों की मेहनत और उत्कृष्टता की यह सजीव गाथा सभी के दिलों में जिंदा रहेगी।