जब श्रीलंका के तट पर एक तूफान बना, तो कोई नहीं सोच सकता था कि वह उत्तर प्रदेश के लोगों की सुबह की चाय को भी ठंडा कर देगा। लेकिन ऐसा ही हो रहा है। तूफान दितवाह ने श्रीलंका में 400 से अधिक लोगों की जान ले ली, और अब उसकी पूंछ उत्तर की ओर बढ़ रही है — बिना बारिश के, बिना बाढ़ के, लेकिन बर्फ जैसी ठंड के साथ। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 24-48 घंटों में उत्तर प्रदेश के आकाश में ऊंचे बादल देखने की भविष्यवाणी की है, जो दिन के तापमान को 20°C से नीचे गिरा सकते हैं। और ये ठंड सिर्फ एक दिन की नहीं, अगले कुछ दिनों तक रहेगी।
किन जिलों में लगा है ठंड का चेतावनी बैनर?
IMD ने छह जिलों में ठंड की लहर की चेतावनी जारी की है: कानपुर, एतवाह, बरेली, लखनऊ, बारबंकी और मुजफ्फरनगर। यहां न्यूनतम तापमान 7°C तक गिर सकता है — जो कि नवंबर के अंत में बेहद असामान्य है। पिछले 24 घंटों में ही कानपुर में 7.7°C, एतवाह में 8°C, बरेली में 9°C रिकॉर्ड किया गया। अब ये नंबर और नीचे जा सकते हैं।
13 जिलों को विशेष रूप से चेतावनी में शामिल किया गया है: कन्नौज, फर्रुखाबाद, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, झांसी, ओराय, हमीरपुर, बांदा, महोबा, हरदोई, फतेहपुर और उन्नाव। ये सभी जिले दिन में भी असामान्य रूप से ठंडे रह सकते हैं। वैसे तो बारिश का कोई अंदाजा नहीं, लेकिन बादलों की छाया और उत्तर-पश्चिमी हवाओं का मिला असर ऐसा है जैसे आपके घर का एसी चल रहा हो।
हवाओं का अचानक फेरबदल
यहां बात बारिश की नहीं, बल्कि हवाओं की है। IMD के मुताबिक, उत्तर-पश्चिमी हवाएं फिर से जीवित हो गई हैं — अब इनकी गति 1 किमी/घंटा हो गई है। ये संख्या कम लग सकती है, लेकिन ये हवाएं सूखी, ठंडी और चीखती हुई हैं। सुबह 5 बजे जब आप घर से निकलते हैं, तो लगता है जैसे किसी ने आपके गले में बर्फ का टुकड़ा रख दिया हो।
वैज्ञानिक कह रहे हैं कि ये ठंड सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश भी इसके दायरे में आ गए हैं। लेकिन यहां बारिश हो रही है — जबकि यूपी में बस ठंड। ये अंतर बहुत बड़ा है।
दक्षिण में बाढ़, उत्तर में बर्फीली हवाएं
तूफान दितवाह अभी भी दक्षिण के तटों को तबाह कर रहा है। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट लगा हुआ है। चेन्नई में सड़कें डूब रही हैं, पेड़ गिर रहे हैं, और ट्रैफिक बंद है। NDRF के 60 और SDRF के 30 अधिकारी तैनात हैं। 103 नावें तैयार हैं — जो कि एक बड़ी तैयारी है।
लेकिन यूपी में कोई नावें नहीं चाहिए। बल्कि गर्म कपड़े, गर्म पानी के बोतल और गर्म चाय की जरूरत है। लोग अभी भी अनुभव कर रहे हैं कि नवंबर का मौसम अचानक दिसंबर जैसा कैसे हो गया।
क्यों नहीं हो रही बारिश यूपी में?
यही सबसे बड़ा सवाल है। तूफान तो बना है, बादल आ रहे हैं, फिर बारिश क्यों नहीं? जवाब है — तूफान भारत के तट के समानांतर चल रहा है। वह दक्षिण के समुद्री हवाओं को उठा रहा है, लेकिन उत्तर की ओर जाते समय उसकी नमी कम हो गई है। बादल ऊंचे हैं — बादल ऐसे जो बारिश नहीं लाते, बल्कि सूरज की गर्मी को रोक देते हैं।
इसलिए दिन का तापमान गिर रहा है, लेकिन रात का और भी। अगर आज दिन में 22°C था, तो कल शायद 18°C हो जाएगा। और ये गिरावट अगले दो दिनों में और तेज होगी।
अगले कदम: क्या अब और खराब हो सकता है?
IMD के मुताबिक, दिसंबर 1 से उत्तर-पश्चिमी हवाओं की गति बढ़ेगी। ये वास्तव में एक ठंड की लहर का आगमन है। ये लहर अगले 72 घंटों तक चल सकती है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बाद फॉग भी बन सकता है — जिससे सड़कों पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाएगा।
यहां एक बात ध्यान देने लायक है: ये ठंड बहुत अचानक आई है। अगर आपके घर में गर्मी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है — जैसे बिजली का हीटर, गर्म कंबल, या गर्म पानी की बोतल — तो अब तैयारी करनी होगी। बुजुर्ग और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
क्या भारत सरकार कुछ कर रही है?
हां। भारत सरकार ने श्रीलंका के लिए ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया है। बचाव टीमें, खाद्य और दवाइयां भेजी जा रही हैं। लेकिन देश के अंदर, जहां बारिश नहीं हो रही, बल्कि ठंड बढ़ रही है — वहां अभी तक कोई विशेष अलर्ट या राहत योजना नहीं जारी की गई है।
ये एक अजीब सी स्थिति है। दक्षिण में बाढ़ के लिए नावें तैयार हैं, उत्तर में ठंड के लिए गर्म कपड़े तैयार करने की जरूरत है। और दोनों का कारण एक ही तूफान है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या यूपी में बारिश होगी तूफान दितवाह के कारण?
नहीं, यूपी में बारिश की कोई संभावना नहीं है। तूफान भारत के तट के समानांतर चल रहा है, और उसकी नमी उत्तर की ओर जाते समय सूख गई है। बादल ऊंचे हैं, जो सूरज की गर्मी को रोकते हैं, लेकिन बारिश नहीं लाते। इसलिए तापमान गिर रहा है, लेकिन आसमान सूखा ही रहेगा।
किन जिलों में ठंड की लहर सबसे ज्यादा खतरनाक है?
कानपुर, एतवाह, बरेली, लखनऊ, बारबंकी और मुजफ्फरनगर में न्यूनतम तापमान 7°C तक गिर सकता है। ये जिले पहले से ही ठंडे हैं, और अब उत्तर-पश्चिमी हवाओं के साथ ठंड और बढ़ रही है। बुजुर्गों और बच्चों के लिए ये स्थिति खतरनाक हो सकती है।
दिसंबर 1 के बाद क्या होगा?
IMD के अनुसार, दिसंबर 1 से उत्तर-पश्चिमी हवाओं की गति बढ़ेगी, जिससे ठंड और तेज होगी। कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि इसके बाद धुंध भी बन सकती है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाएगा। ये ठंड अगले 3-4 दिनों तक बनी रह सकती है।
श्रीलंका को भारत क्या मदद कर रहा है?
भारत सरकार ने श्रीलंका के लिए ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया है। इसके तहत बचाव टीमें, खाद्य सामग्री, दवाइयां और पानी की बोतलें भेजी जा रही हैं। यह एक बड़ा मानवीय प्रयास है, जिसमें भारत के नौसेना और वायु सेना के बलों को शामिल किया गया है।
क्या यह ठंड साल भर में सबसे ज्यादा है?
नहीं, यह साल भर की सबसे ठंडी लहर नहीं है — लेकिन यह अक्टूबर-नवंबर में बेहद असामान्य है। आमतौर पर ये तापमान दिसंबर के अंत या जनवरी में देखे जाते हैं। इस बार तूफान के असर से ये ठंड अचानक आ गई है, जिससे लोगों को तैयार होने का समय नहीं मिला।
क्या ये तूफान अगले साल भी आएगा?
तूफान दितवाह एक विशिष्ट घटना है, जो विशेष वातावरणीय स्थितियों से बना। ऐसे तूफान हर साल नहीं आते। लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण बंगाल की खाड़ी में तूफानों की आवृत्ति बढ़ रही है। इसलिए अगले कुछ वर्षों में ऐसी घटनाएं अधिक सामान्य हो सकती हैं।
Rahul Sharma
दिसंबर 3, 2025 AT 03:32ये ठंड अचानक आ गई है भाई, मैंने कल तक लाइट जैकेट पहना था, आज सुबह बाहर निकला तो लगा जैसे बर्फ के टुकड़े चेहरे पर चिपक गए हों। बरेली में 9°C रिकॉर्ड हुआ है, और हम अभी तक गर्म कंबल नहीं निकाले। बुजुर्गों के लिए ये बहुत खतरनाक है।
Shankar Kathir
दिसंबर 4, 2025 AT 06:51इस तरह की ठंड का मतलब है कि तूफान दितवाह का असर बंगाल की खाड़ी से उत्तर की ओर फैल रहा है, लेकिन नमी बरकरार नहीं रही। जब हवाएं उत्तर-पश्चिमी दिशा से आती हैं तो वो सूखी होती हैं, और बादल ऊंचे हो जाते हैं - जो बारिश नहीं लाते, बल्कि सूरज की गर्मी को रोक देते हैं। इसलिए दिन में तापमान गिरता है, रात में तो बर्फ जैसा हो जाता है। ये एक जलवायु असंतुलन का संकेत है, और अगले कुछ सालों में ऐसी घटनाएं और अधिक आएंगी।
Bhoopendra Dandotiya
दिसंबर 5, 2025 AT 15:26अजीब बात है - दक्षिण में बाढ़, उत्तर में बर्फीली हवाएं। एक ही तूफान ने दो अलग-अलग आपदाएं जन्म दी। श्रीलंका के लोगों को बचाव टीमें भेजी जा रही हैं, लेकिन यूपी के गरीब लोगों को गर्म कपड़े या हीटर की जरूरत है, और कोई नहीं बात कर रहा। ये भारत की असमानता की एक छोटी सी झलक है।