पियूष चावला के संन्यास पर भावुक हुए युवराज सिंह
क्रिकेट फैंस को चौंकाते हुए पियूष चावला ने जून 2025 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। 20 साल की लंबी प्रोफेशनल जर्नी के बाद जब यह खबर आई, तो पहली प्रतिक्रिया आई उनके पुराने साथी और भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह की। युवराज ने सोशल मीडिया पर एक बेहद व्यक्तिगत और तहे दिल से लिखा गया संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने चावला के करियर से जुड़े अनगिनत लम्हों को ताजा कर दिया।
पियूष चावला का नाम आते ही सबसे पहले दो वर्ल्ड कप—2007 T20 और 2011 ODI—की यादें ताजा हो जाती हैं। दोनों ही टूर्नामेंट में भारत की जीत में चावला का योगदान छुपा नहीं है, और यहीं पर युवराज ने जोर दिया कि दबाव के समय इस गेंदबाज का जज्बा हमेशा देखने लायक रहता था। युवराज के मुताबिक, चावला का हर मुकाबले की निर्णायक घड़ी में शांत रहना और फोकस बनाकर विकेट निकालना, टीम के लिए असली ताकत थी।
संघर्ष, रिकॉर्ड और IPL में सफलता की कहानी
चावला की उपलब्धियां सिर्फ वर्ल्ड कप या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक सीमित नहीं रहीं। IPL में पियूष चावला ने 192 विकेट निकाले—इतने ही मैच खेलने के बाद यह बेहद खास रिकॉर्ड है। मुंबई इंडियंस के लिए 2022 से 2024 तक वह बेहतरीन फॉर्म में नजर आए। इसके अलावा, घरेलू क्रिकेट में भी उनके नाम 450 से ज्यादा फर्स्ट क्लास विकेट हैं। इस संपूर्ण सफर के दौरान उनका समर्पण और जुझारूपन हमेशा मिसाल रही।
युवराज सिंह ने चावला को ‘लड्डू’ के नाम से पुकारते हुए निजी किस्से भी साझा किए—जिनसे उनकी दोस्ती और क्रिकेट ग्राउंड के बाहर की शरारतें झलकती हैं। दोनों की दोस्ती केवल भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम तक सीमित नहीं, मैदान से बाहर भी हमेशा मजबूत रही। पियूष को एक 'दो बार के वर्ल्ड कप विजेता' के रूप में युवराज ने गर्व के साथ याद किया।
- भारत के लिए 3 टेस्ट, 25 वनडे, 7 T20I, कुल 43 अंतरराष्ट्रीय विकेट
- IPL में 192 विकेट
- 450+ फर्स्ट क्लास विकेट
- 2007 और 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा
युवराज की पोस्ट ने फैंस को भी वो सफर याद दिला दिया, जब एक युवा लेग स्पिनर ने भारतीय क्रिकेट पर अपना नाम जमाया था। खासकर वर्ल्ड कप की मुश्किल परिस्थितियों में चावला का संतुलित रवैया और टीम के बेहतरिन प्रदर्शन में उनका योगदान, अब हमेशा याद किया जाएगा।