NCTE ने दी 18 माह के NIOS D.El.Ed को मंजूरी, टीचर भर्ती पर असर साफ

18 माह NIOS D.El.Ed पर NCTE की हरी झंडी: पुराने शिक्षकों को बड़ी राहत

टीचिंग सेक्टर में बीते कुछ सालों से एक सवाल हर तरफ तैर रहा था—क्या 18 महीने का NIOS D.El.Ed डिप्लोमा वाकई मान्य है? NCTE ने तमाम ऊहापोह को खत्म करते हुए साफ कर दिया है कि 2017 से पहले जो शिक्षक स्कूलों में कार्यरत थे और उन्होंने NIOS के जरिए ओपन डिस्टेंस लर्निंग (ODL) से 18 महीने का डिप्लोमा किया है, वह वैध है। ऐसे में लाखों शिक्षकों की नौकरी अब सुरक्षित है, जिन्हें 31 मार्च 2019 तक इस कोर्स को पूरा करना अनिवार्य था।

पूरी कहानी शुरू होती है पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (WBBPE) से, जिसने 18 महीने वाले उम्मीदवारों को टीचर भर्तियों से बाहर कर दिया था। मामला कोर्ट में गया, हाईकोर्ट ने भी बोर्ड का पक्ष लिया, लेकिन आखिरी फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया। सर्वोच्च अदालत ने NCTE के 2017 के आदेश को बरकरार रखते हुए क्षेत्रीय भर्ती एजेंसियों से कहा—इन सर्विस यानी 2017 से पहले के शिक्षक 18 माह के कोर्स के बाद योग्य माने जाएंगे, उन्हें प्रमोशन और भर्ती से बाहर नहीं किया जा सकता।

नए उम्मीदवारों के लिए नहीं, राज्यों को कोर्ट की गाइडलाइन फॉलो करनी होगी

यहां एक बड़ी बात यह है कि 18 महीने का D.El.Ed केवल पुराने यानी पहले से स्कूल सेवा में लगे शिक्षकों के लिए ही है। इसका मतलब, अगर कोई नई भर्ती में शामिल होना चाहता है तो उसे दो साल वाली रेगुलर D.El.Ed डिग्री अनिवार्य रूप से पूरी करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दोनों डिप्लोमा की मान्यता अलग-अलग है, इन्हें एक जैसा नहीं माना सकता।

सिर्फ फैसले से पश्चिम बंगाल ही नहीं, बिहार, झारखंड और यूपी जैसे राज्यों में भी राहत पहुंची है। बिहार की बात करें, तो यहां करीब तीन लाख शिक्षक NIOS का कोर्स करके अटक गए थे। लेकिन पटना हाईकोर्ट ने NCTE को आदेश दिया कि ऐसे शिक्षकों के लिए 18 महीने वाला डिप्लोमा भी मान्य होगा। अब जरूरी है कि राज्य सरकारें, जैसे BPSC ने अपने TRE (टीचर रिक्रूटमेंट एग्जाम) के लिए जो नियम बनाए हैं, उनमें सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के मुताबिक संशोधन करें।

अब भी यही सवाल बचता है कि जितने भी राज्य भर्ती एजेंसियां हैं, क्या वे कोर्ट की गाइडलाइन के हिसाब से उम्मीदवारों को मौका देंगी या अलग से नियम बनाएंगी? फिलहाल, जिन शिक्षकों ने 18 महीने का डिप्लोमा 2019 तक पूरा किया है, उनकी राह फिलहाल आसान हो गई है। लेकिन नए उम्मीदवारों के लिए 2 साल वाला कोर्स ही जरूरी रहेगा। राज्य वाइज भर्ती प्रक्रिया में असमानता की गुंजाइश अब भी बाकी है, ऐसे में आगे नई कानूनी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं।