बिहार में दुर्गा पूजा का माहौल जब गर्म हो रहा था, तब सरकार ने अचानक कुछ नया आदेश जारी कर दिया। इस साल Durga Puja के सभी पंडालों को लाइसेंस लेना ही पड़ेगा, और साथ ही डीजे सिस्टम पर कड़ी रोक लगाई गई है। यह कदम प्रदेश में शांति‑शुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है, और इसका असर पूरे राज्य में महसूस किया जाएगा।
नए नियमन का विवरण
बिहार सरकार ने एक हाई‑लेवल मीटिंग में ये दिशा‑निर्देश तय किए। प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- हर पंडाल को स्थापित करने से पहले जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस सुपरिंटेंडेंट की पूर्व‑जाँच अनिवार्य।
- पंडाल की ऊँचाई, विद्युत वायरिंग, सीसीटीवी कैमरा और आग सुरक्षा मानकों पर कड़ी निगरानी।
- डीजे ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक पंडाल को एक स्थानीय पुलिस टीम को सौंपा जाएगा, जिससे आवाज़ का स्तर नियत सीमा से ऊपर न जाए।
- पूजा के बाद बपतिस्मा (इंम्पर्शन) के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य, जिससे किसी भी अव्यवस्था की जिम्मेदारी लाइसेंसधारी समूह पर होगी।
- सीमा के निकट क्षेत्रों, विशेषकर नेपाल सीमा वाले जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी।

लाइसेंस और सुरक्षा उपाय
पटना में 2,000 से अधिक पंडालों की आवेदन मिली, पर केवल 1,400 को ही लाइसेंस दिया जाएगा। लाइसेंस पाने वाले पंडाल को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
- स्थापना स्थल की ऊँचाई सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के भीतर हो।
- प्रत्येक पंडाल में सीसीटीवी कैमरे लगे हों, जिससे लाइव मॉनिटरिंग हो सके।
- इलेक्ट्रिकल नेटवर्क की पूरी जाँच, 33 kV और 11 kV फीडर की मरम्मत कार्य पूर्ण हो।
- आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस की तुरंत पहुंच सुनिश्चित।
- पोलिस द्वारा नियुक्त टीम के साथ नियमित मीटिंग, सुरक्षा और शांति व्यवस्था पर चर्चा।
पंडाल सुरक्षा को लेकर पुलिस को विशेष गियर भी दिया गया है – बॉडी प्रोटेक्टर, हेलमेट और नाइट विजन डिवाइस। इससे न केवल पुलिस की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि जल्दी प्रतिक्रिया भी संभव होगी।
शांति बनाए रखने के लिए प्रत्येक जिले में युवा सदस्यों के साथ पीस कमेटी की बैठकों की भी व्यवस्था की गई है। ये कमेटी स्थानीय स्तर पर सामुदायिक तनाव को रोकने और झगड़ों से बचाव में मदद करेंगे।
सभी पंडालों में ध्वनि स्तर को नियंत्रित करने के लिए डीजे साउंड सिस्टम को अब लाइसेंस की शर्तों में शामिल किया गया है। यदि आवाज़ निर्धारित सीमा से अधिक होती है तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी, जिससे पड़ोसियों और पूजा‑स्थलों के बीच टकराव कम हो सके।
आगामी हफ्ते में पुलिस और लाइसेंसधारी कमिटी के बीच संयुक्त मीटिंग तय की गई है, जहाँ सुरक्षा प्रोटोकॉल, भीड़‑प्रबंधन और आपातकालीन उपायों पर विस्तृत चर्चा होगी। ये कदम मिलकर बिहार में दुर्गा पूजा को बेहतरीन, शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।