अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक: जेरोम पॉवेल की स्पीच और निहितार्थ पर पूरी जानकारी
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) की महत्वपूर्ण बैठक 6 नवंबर से शुरू हो गई है और इसका समापन 7 नवंबर को होगा। यह बैठक हाल ही में समाप्त हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के पश्चात आयोजित हो रही है, जिसमें डोनाल्ड ट्रम्प ने कमला हैरिस को पराजित कर व्हाइट हाउस में वापसी की है। ऐसे दौर में फेड के मौद्रिक नीति निर्णय और भी अहम हो जाते हैं। इस बार की बैठक से वित्तीय बाजारों और अर्थशास्त्रियों को बड़ी घोषणाओं की उम्मीद है, खासकर इसलिए क्योंकि बाजार की स्थिति और आर्थिक स्थिति को सुधारने की जरूरत पर जोर दिया गया है।
सितंबर में फेड द्वारा ब्याज दर में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी, जिससे फेडरल फंड्स की दर 4.75% से 5% पर आ गई थी। आगामी नीति घोषणा में, विश्लेषकों को 25 बेसिस पॉइंट की और कटौती की उम्मीद है। विशेषज्ञों का कहना है कि फेड अर्थव्यवस्था को सकारात्मक दिशा देने के लिए नीतिगत दरों में और कटौती कर सकता है, खासकर दिसंबर में होने वाली अगली बैठक तक। इस तरह की रणनीतिक नीतियों की परिकल्पना इसलिए की जा रही है क्योंकि हाल ही में जारी हुई नौकरियों की रिपोर्ट में कमी देखने को मिली है।
वर्तमान ब्याज दरें जो अब 4.75% से 5% के बीच हैं, फेड की नीति निर्माता समिति के लिए महत्वपूर्ण विषय है। पिछले वित्तीय दौर में की गई दर कटौती के बाद फेड अब नपे-तुले कदमों के जरिए धीरे-धीरे दरों को कम करने की नीति अपनाने का संकेत दे चुका है। अपने उद्घोषणाओं के जरिए फेड भविष्य की आर्थिक स्थिति और मुद्रास्फीति को लेकर उनके दृष्टिकोण को स्पष्ट कर सकता है। इसके अलावा, यह बैठक यह समझने के लिए भी महत्वपूर्ण होगी कि फेड के मौद्रिक नीति रास्ते में किस तरह का बदलाव अपेक्षित है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस और इसकी अहमियत
अमेरिकी फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल इस बैठक के बाद 7 नवंबर को स्थानीय समय करीब 2:30 बजे (भारतीय समय अनुसार 12:30 बजे) प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कई माध्यमों पर लाइव स्ट्रीम की जाएगी, जिसमें एनडीटीवी प्रॉफिट के यूट्यूब चैनल और अमेरिकी फेड का आधिकारिक वेबसाइट शामिल हैं। इसके अलावा, इसे उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी प्रसारित किया जाएगा। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस न सिर्फ ब्याज दरों को लेकर होने वाले फैसले को स्पष्ट करेगी, बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जरूरी जानकारी देगी।
इस तरह की बैठकें और प्रेस कॉन्फ्रेंस बाजार के लिए अभूतपूर्व प्रभाव डाल सकती हैं। फेड की ओर से जारी हर छोटी और बड़ी घोषणा या संकेत भविष्य के आर्थिक परिदृश्य को आकार देने की क्षमता रखती है। ऐसे में सक्रिय निवेशक और आर्थिक विश्लेषक इस इवेंट पर गहरी नजर रखेंगे। वित्तीय बाजार में तत्काल प्रभाव डालने वाले इस तरह के कदमों का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी नीतिगत निर्णयों में से एक होते हैं।
आगामी कदम और नीतिगत दिशा
फेड द्वारा लिए जाने वाले निर्णय न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था बल्कि वैश्विक वित्तीय बाजार पर भी गहरा असर डाल सकते हैं। हर देश के केंद्रीय बैंकों की अपनी नीतियाँ होती हैं, लेकिन अमेरिकी फेड के निर्णय अधिकांश अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए एक बेंचमार्क सेट करते हैं। फेड की मौजूदा नीति और आगामी चुनौतियों के संदर्भ में, यह तमाम उम्मीद की जा सकती है कि आगामी समय में ब्याज दरों में और रियायत दी जा सकती है।
महत्वपूर्ण यह होगा कि कैसे फेड इन चुनौतियों को मानवीय दृष्टिकोण से सम्बोधित करता है, जहां उन्हें आर्थिक विकास को बढ़ावा देते समय समस्त संभावित जोखिमों को भी ध्यान में रखना होगा। वैश्विक भू-राजनैतिक परिदृश्य में तेजी से होने वाले परिवर्तनों के बीच, अमेरिकी फेड और उसकी नीतियाँ एक दिशा-निर्धारक बनी हुई हैं।
इसलिए इस बैठक और उसके बाद के संवाद से जितनी विशेषज्ञता और समझ की उम्मीद की जा रही है, उतनी ही महत्वपूर्ण वह संभावनाएं हैं जो राष्ट्रपति चुनाव के बाद से फेड के नीति मार्ग में नई संभावनाओं को इंगित करती हैं। वे विशेषज्ञ जो अमेरिकी और वैश्विक वित्तीय बाजारों के सभी पहलुओं पर नजर रख रहे हैं, उनकी नजदीकी नजर इस पर होगी कि कैसे फेड अपनी रणनीति के तहत आवश्यक कदम उठाता है।