जब रामेश्वर डूड़ी, सीनियर कांग्रेस नेता और इंडियन नेशनल कांग्रेस के घटक, का निधन 4 अक्टूबर 2025 को हुआ, तो देश‑व्यापी शोक में ओतप्रोत हो गया। 62 वर्ष की उम्र में, दो साल से चल रही कोमा से निकलने के बाद उनका प्राण त्याग गया। यह खबर एसएमएस अस्पताल, जयपूर में उनकी अंतिम सुई‑ऐंठी के बाद 12:24 IST पर पुष्टि की गई।
जीवन‑यात्रा का संक्षिप्त परिचय
राजस्थान के बिकानेर से 1999 में चुने गए रामेश्वर डूड़ी ने पहले एंपी के पद पर पाँच साल तक राष्ट्रवादी कूटनीति को आगे बढ़ाया। बिकानेर, एक ऐतिहासिक रेगिस्तानी शहर, उनके राजनीतिक आधार का हृदय बना। बिकानेर के लोग उनके सतत विकास व जल संरक्षण के कार्य को याद करेंगे।
राजनीतिक करियर और प्रमुख उपलब्धियां
डूड़ी ने सिर्फ कांग्रेस पार्टी के भीतर ही नहीं, बल्कि राज्य विधानसभा में भी अहम भूमिका निभाई। 2018 में उन्हें राजस्थान विधानसभा के मुख्य विपक्षी नेता (Leader of Opposition) चुना गया, जहाँ उन्होंने भाजपा‑संचालित सरकार को कई महत्वपूर्ण बिलों पर सवाल उठाया। उनका वाक्पटु वार्ता‑शैली और जमीनी स्तर पर जनता की समस्याओं की समझ ने उन्हें ‘जनसमर्थक’ बना दिया।
- 1999‑2004: बिकानेर से संसद सदस्य
- 2018‑2023: राजस्थान विधानसभा के मुख्य विपक्षी नेता
- वित्तीय सुदृढ़ीकरण, जल संसाधन प्रबंधन, और महिला सशक्तिकरण में उल्लेखनीय योगदान
स्वास्थ्य संकट और दो साल की कोमा
अगस्त 2023 में डूड़ी को एक अचानक ब्रेन हेमरेज (मस्तिष्क रक्तस्राव) का सामना करना पड़ा। तत्काल एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद उन्हें न्यूरोलॉजिकल देखभाल में रखा गया। डॉक्टरों ने बताया कि रक्तस्राव से मस्तिष्क में गंभीर क्षति हुई, जिससे उन्हें कोमा की स्थिति में ले जाया गया। दो वर्षों तक उनका जीवनवाइकल्पी मानो ठहर गया, और परिवार ने आशा की एक रोशनी की तरह कई देखभाल कदम उठाए।
कोमा से बाहर निकलने के बाद भी डूड़ी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी; उनका जीवन मशीन‑सहायता पर निर्भर था। यह संकट कांग्रेस के भीतर एक ‘भारी धक्का’ की तरह महसूस हुआ, क्योंकि एक अनुभवी रणनीतिकार अब आँखों के सामने ही फिसल गया।
पार्टी और राज्य से शोक संदेश
डूड़ी की मृत्यु पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गहरा शोक व्यक्त किया: “एक कुशल नेता और समर्पित सार्वजनिक सेवक की कमी हमेशा महसूस होगी।” साथ ही, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी ने कहा, “उनकी निष्ठा और दृढ़ता ने कई असमान्य चुनौतियों को पार किया।” राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेह्लोट ने भी कहा, “हम सबके लिए यह अत्यंत हृदय विदारक क्षण है; एक ऐसी शख्सियत जो राज्य की राजनीति को सच्चे रंग में चित्रित करती थी।”
मृत्यु के नतीजे और भविष्य में प्रभाव
डूड़ी के निधन से बिकानेर कांग्रेस के भीतर वृहद पुनर्गठन का अनुमान लगाया जा रहा है। उनके आश्रित क्रम में संभावित उम्मीदवारों को तेज़ी से तैयार किया जा रहा है, खासकर युवा नेताओं के लिए अवसर। साथ ही, कांग्रेस ने इस क्षण को ‘भविष्य की रणनीति’ के रूप में इस्तेमाल करने की बात कही, ताकि बिकानेर जैसी पुरानी सख्त बस्तियों में फिर से वोट‑बेस को सुदृढ़ किया जा सके।
राज्य राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि डूड़ी के समान हमले‑भरे शैली वाले विरोधी नेता के बिना, भाजपा‑सरकार को संसद में कुछ खामियों का सामना करना पड़ेगा। संभावित गठबंधन वार्ताओं में उनका अनुभव और नेटवर्क अब भी ‘मूर्ति’ की तरह काम कर सकता है, क्योंकि कई गठबंधन मुद्दों के लिए उनका नाम अभी भी भाषा में रहता है।
साक्ष्य‑सहित प्रमुख तथ्य
- नाम: रामेश्वर डूड़ी
- उम्र: 62 वर्ष
- मृत्युदिन: 4 अक्टूबर 2025
- पद: पूर्व एंपी (बिकानेर) एवं मुख्य विपक्षी नेता, राजस्थान विधानसभा
- कारण: दो‑साल की कोमा के बाद ब्रेन हेमरेज से उत्पन्न जटिलताएं

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डूड़ी की मृत्यु से बिकानेर के मतदाता कैसे प्रभावित होेंगे?
डूड़ी के जाने से बिकानेर में कांग्रेस का नेतृत्व खाली हो गया है। अगली विधानसभा चुनावों में पार्टी को नई पहचान स्थापित करनी होगी, जिससे युवा और महिला उम्मीदवारों को अधिक अवसर मिल सकते हैं। यह बदलाव स्थानीय वोट‑बेस को पुनः व्यवस्थित कर सकता है।
डूड़ी को किस कारण दो साल कोमा में रखा गया?
अगस्त 2023 में उन्हें अचानक ब्रेन हेमरेज हुआ। रक्तस्राव ने मस्तिष्क के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचाया, जिससे न्यूरॉन क्रियाकलाप रुक गया और वे कोमा की स्थिति में चले गए। चिकित्सकीय रिपोर्ट ने संकेत दिया कि पुनः जागरण की संभावना न्यूनतम थी।
कांग्रेस पार्टी ने इस शोक में क्या कदम उठाए?
पार्टी ने तुरंत एक शोक संदेश जारी किया, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गाँधी और कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से संवेदना व्यक्त की गई। राज्य स्तर पर अंतिम संस्कार की व्यवस्थाएं की गईं और डूड़ी के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने का वादा किया गया।
डूड़ी के राजनीतिक कार्यों में सबसे उल्लेखनीय क्या रहा?
बिकानेर में जल संरक्षण परियोजनाओं को आगे बढ़ाना, किसानों के लिए कर्ज़ माफी कार्यक्रम, और महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने वाले स्कीमों की स्थापना उनके सबसे बड़े योगदान माने जाते हैं। इन पहलों ने स्थानीय स्तर पर उनकी लोकप्रियता को सुदृढ़ किया।
क्या इस घटना का राष्ट्रीय राजनीति पर कोई असर पड़ेगा?
एक अनुभवी कांग्रेस नेता का खोना राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के भीतर पुनर्संरचना को तेज करेगा। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि इस शोक ने कांग्रेस को युवा नेतृत्व को प्रोत्साहित करने और प्रदेश स्तर पर नई रणनीति बनाने के लिए प्रेरित किया है।
Pradeep Chabdal
अक्तूबर 5, 2025 AT 06:28रामेश्वर डूड़ी जी का जिन्दगी‑संग्राम भारतीय राजनीति में एक विंडिंग‑डाईस जैसा है; उनके जल संरक्षण के कार्य और महिला सशक्तिकरण की पहलें राजस्थान में आज भी प्रतिध्वनित होती हैं। उनकी दो‑साल की कोमा ने पार्टी के भीतर एक नेतृत्व गैप बना दिया, जिसे भरना आसान नहीं होगा। इस विघटन को देखते हुए युवा उभरते नेताओं को नयी रणनीति अपनानी चाहिए। कुल मिलाकर उनका योगदान नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।