Mahindra XEV 7e टेस्टिंग में दिखी: रेंज, पावरट्रेन और फीचर्स के बड़े संकेत

क्या है Mahindra XEV 7e? टेस्टिंग से क्या-क्या सामने आया

महिंद्रा की अगली प्रीमियम इलेक्ट्रिक SUV Mahindra XEV 7e हाल में टेस्टिंग के दौरान स्पॉट हुई और इसके कई स्पेसिफिकेशन लीक हो गए। यह SUV कंपनी के नए INGLO प्लेटफॉर्म पर बनी है, जिसे खास तौर पर EVs के लिए डिजाइन किया गया है। मकसद साफ है—लंबी रेंज, दमदार परफॉर्मेंस और टेक-हैवी केबिन के साथ प्रीमियम इलेक्ट्रिक सेगमेंट में सीधे उतरना।

लीक रिपोर्टों के मुताबिक XEV 7e दो बैटरी पैक विकल्पों में आ सकती है—लगभग 59 kWh और 79 kWh। बड़ी बैटरी के साथ सिंगल-चार्ज पर अनुमानित रेंज 656 किमी तक बताई जा रही है। यह आंकड़ा टेस्ट साइकिल के हिसाब से होता है, इसलिए रीयल-वर्ल्ड रेंज आमतौर पर 15–25% कम रह सकती है, फिर भी शहर और हाईवे—दोनों तरह की ड्राइव के लिए यह रेंज इस सेगमेंट में मजबूत मानी जाएगी।

परफॉर्मेंस की बात करें तो डुअल-मोटर ऑल-व्हील-ड्राइव (AWD) सेटअप का संकेत है, जो करीब 350 bhp पावर और 450 Nm टॉर्क तक दे सकता है। अगर ये आंकड़े प्रोडक्शन मॉडल तक पहुंचे, तो 0-100 किमी/घंटा का समय कंपनी की मौजूदा EVs से बेहतर होगा। XEV 7e के डायमेंशन्स—4740 मिमी लंबाई, 1900 मिमी चौड़ाई और 1760 मिमी ऊंचाई—इसे तीन-रो केबिन के साथ फुल-साइज़ आराम देने लायक बनाते हैं। दूसरी रो में कप्तान सीट्स मिलने की उम्मीद है, जो लॉन्ग जर्नी में कम्फर्ट बढ़ाएंगी।

चार्जिंग के मोर्चे पर भी सेटअप आक्रामक दिखता है। अल्ट्रा-फास्ट DC चार्जिंग सपोर्ट की चर्चा है, जिससे 20% से 80% तक चार्जिंग लगभग 30 मिनट में हो सकती है। यह समय वास्तविक स्टेशन की पावर, तापमान और बैटरी की स्थिति पर निर्भर करेगा, लेकिन साफ संकेत है कि महिंद्रा चार्जिंग-टाइम की झंझट कम करना चाहती है।

महिंद्रा ने पहले INGLO प्लेटफॉर्म के लिए मॉड्यूलर बैटरी, फ्लैट फ्लोर और सॉफ्टवेयर-अपडेटेड आर्किटेक्चर (OTA) जैसी बातें सार्वजनिक मंचों पर साझा की थीं। XEV 7e में यही फिलॉस्फी नजर आती है—कनेक्टेड फीचर्स, ड्राइवर-असिस्ट टेक और लचीली पैकेजिंग। तीन-रो EV सेगमेंट अभी शुरुआती दौर में है; ऐसे में यह पैकेज परिवारों और लंबे हाईवे ट्रैवलर्स दोनों को आकर्षित कर सकता है।

  • बैटरी विकल्प: 59 kWh और 79 kWh (अनुमानित)
  • रेंज: बड़े पैक पर 656 किमी तक (टेस्ट साइकिल के अनुसार)
  • डुअल-मोटर AWD: करीब 350 bhp और 450 Nm (लीक्ड स्पेक)
  • डायमेंशन्स: 4740 x 1900 x 1760 मिमी; तीन-रो लेआउट
  • चार्जिंग: 20% से 80% DC फास्ट चार्ज ~30 मिनट (अनुमानित)
फीचर्स, सुरक्षा और बाजार में असर

फीचर्स, सुरक्षा और बाजार में असर

केबिन में टेक-फॉरवर्ड ऐप्रोच दिखती है। ड्राइवर, इंफोटेनमेंट और फ्रंट पैसेंजर—ये तीनों के लिए अलग-अलग स्क्रीन का जिक्र है। ड्यूल-टोन इंटीरियर, लेदरट जैसी अपहोल्स्ट्री, इलेक्ट्रिकली एडजस्टेबल फ्रंट सीट्स (वेंटिलेशन और मेमोरी के साथ), वायरलेस चार्जिंग, USB-C पोर्ट्स, रियर AC वेंट्स और हेड-अप डिस्प्ले—ये सब पैकेज को प्रीमियम बनाते हैं। एंबियंट लाइटिंग और सस्टेनेबल मैटेरियल्स के इस्तेमाल से केबिन का फील और भी अपमार्केट होने की उम्मीद है।

कनेक्टिविटी मोर्चे पर वायरलेस Android Auto और Apple CarPlay, ओवर-द-एयर अपडेट्स और वॉइस-कमांड फीचर्स बताये जा रहे हैं। ADAS सूट भारतीय सड़कों के हिसाब से ट्यून किया गया है—यह अहम है, क्योंकि लेन मार्किंग्स, ट्रैफिक पैटर्न और रोड-सर्फेस में देशभर में फर्क रहता है।

सुरक्षा फीचर्स में स्टैंडर्ड तौर पर छह एयरबैग्स, ABS के साथ EBD, रियर पार्किंग सेंसर, सीटबेल्ट रिमाइंडर और स्पीड अलर्ट शामिल होने की उम्मीद है। हाईयर वेरिएंट्स में Level 2 ADAS के फीचर्स—लेन कीप असिस्ट, अडैप्टिव क्रूज़ कंट्रोल, ब्लाइंड-स्पॉट डिटेक्शन, फॉरवर्ड इमरजेंसी ब्रेकिंग, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग और ऑटो पार्क असिस्ट—मिल सकते हैं। यह कॉम्बो शहर में रोज़मर्रा की ड्राइव से लेकर हाईवे क्रूज़ तक, ड्राइवर की थकान कम करने में मदद करेगा।

इंटीरियर स्पेस और थर्ड-रो एक्सेस इस सेगमेंट में डील-ब्रेकर बनते हैं। 4740 मिमी लंबाई वाली बॉडी में अगर महिंद्रा ने फ्लैट फ्लोर और स्पेस-एन्हांसिंग पैकेजिंग अच्छे से इस्तेमाल की, तो दूसरी और तीसरी रो दोनों में नी-रूम और हेड-रूम बेहतर मिल सकता है। कप्तान सीट्स वाली दूसरी रो के साथ लंबी दूरी की फैमिली ट्रैवलिंग ज्यादा आरामदेह हो जाती है, खासकर तब जब वेंटिलेटेड सीट्स और मल्टी-ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल जैसी सुविधाएं भी साथ हों।

चार्जिंग इकोसिस्टम पर नजर डालें तो भारत में हाई-पावर DC चार्जिंग नेटवर्क तेज़ी से बढ़ रहा है। मेट्रो शहरों और प्रमुख हाइवे कॉरिडोर पर 60–120 kW रेंज के स्टेशन्स अब आम दिखने लगे हैं। XEV 7e का 20–80% चार्ज ~30 मिनट का लक्ष्य ऐसे ही नेटवर्क पर व्यावहारिक लगेगा। घर में टॉप-अप चार्जिंग के लिए 7.2 kW या उससे अधिक की वॉलबॉक्स यूनिट आमतौर पर पर्याप्त रहती है, हालांकि कंपनी के ऑफिशियल होम-चार्जर पैकेज का पता लॉन्च के वक्त चलेगा।

बाजार में इसकी सीधी भिड़ंत टाटा हैरियर EV, हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक और BYD Atto 3 जैसे मॉडल्स से होगी। हैरियर EV और क्रेटा इलेक्ट्रिक—दोनों का फोकस इंडिया-फर्स्ट पैकेजिंग और कीमत पर है, जबकि Atto 3 फीचर्स और फिट-फिनिश के लिए जाना जाता है। XEV 7e तीन-रो लेआउट और दमदार AWD परफॉर्मेंस के दम पर खुद को अलग पेश कर सकती है। इस साइज़ में तीन-रो EVs अभी कम हैं, इसलिए यह गैप महिंद्रा के लिए मौका बन सकता है।

प्राइसिंग को लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं है। ऑटो सेक्टर में चल रही चर्चाओं के हिसाब से फीचर्स, साइज़ और पावरट्रेन देखते हुए इसकी शुरुआती कीमत प्रीमियम मिड-सेगमेंट में रह सकती है। फिर भी अंतिम दाम बैटरी साइज, ड्राइवट्रेन (RWD/AWD), ADAS पैकेज और इंटीरियर ऑप्शंस पर काफी निर्भर करेंगे।

मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई-चेन की बात भी अहम है। महिंद्रा ने पहले EV क्षमता बढ़ाने के लिए पुणे क्षेत्र में बड़े निवेश का ऐलान किया था। लोकलाइजेशन बढ़ने से लागत काबू में रहती है और सप्लाई शॉक्स का असर कम होता है—खासकर बैटरी मॉड्यूल, मोटर और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्रिटिकल पार्ट्स में। XEV 7e की उपलब्धता और डिलिवरी टाइमलाइन इसी पर निर्भर करेंगी।

यूज़र-एक्सपीरियंस के मोर्चे पर ट्रिपल-स्क्रीन सेटअप और HUD के साथ साफ, कम-डिस्टैक्ट करने वाला UI फर्क डाल सकता है। बड़े EVs में केबिन NVH (नॉइज़, वाइब्रेशन, हार्शनेस) कंट्रोल भी मायने रखता है—इलेक्ट्रिक पावरट्रेन शांत होता है, तो टायर और विंड नॉइज़ ज्यादा सुनाई देते हैं। टेस्टिंग फेज़ में अक्सर यही चीजें फाइन-ट्यून होती हैं ताकि प्रोडक्शन कार हाईवे स्पीड पर भी रिफाइंड लगे।

मेंटेनेंस और वारंटी पर भी नजर रहेगी। इंडस्ट्री मानकों के मुताबिक बैटरी पर 7–8 साल या तय किमी तक की वारंटी आम है। महिंद्रा ने आधिकारिक तौर पर क्या पैकेज देगा, यह अनावरण के वक्त साफ होगा, लेकिन ग्राहकों के लिए टोटल कॉस्ट ऑफ ओनरशिप (TCO) का बड़ा हिस्सा इन्हीं शर्तों से तय होता है।

कुल मिलाकर, XEV 7e का फोकस लंबी रेंज, फास्ट चार्जिंग, तीन-रो आराम और एडवांस्ड ड्राइवर-असिस्ट पर है। अगर लीक्ड स्पेक्स प्रोडक्शन मॉडल तक बड़े बदलाव के बिना पहुंचते हैं, तो यह SUV भारतीय EV बाजार में एक पावरफुल एंट्री साबित हो सकती है—खासतौर पर उन खरीदारों के लिए जो पेट्रोल-डीजल की जगह बिना समझौते के इलेक्ट्रिक पर जाना चाहते हैं।