जब डोनाल्ड ट्रम्प, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने 21 सेप्टेंबर 2025 को दोपहर 12:00 ET से लागू होने वाली नई H‑1B वीज़ा शुल्क नीति की घोषणा की, तो लाखों F‑1 छात्र घबराए। यह घोषणा का अर्थ था कि नए H‑1B आवेदन पर U.S. Citizenship and Immigration Services (USCIS) द्वारा $100,000 का अनन्य शुल्क चार्ज किया जाएगा, जबकि मौजूदा वीज़ा धारक अपने यात्रा अधिकारों में कोई बदलाव नहीं देखेंगे। इस कदम ने भारतीय‑अमेरिकी, चीनी‑अमेरिकी और अन्य विदेशी छात्रों को काम की अनुमति पाने के रास्ते में अनपेक्षित वित्तीय बाधा दी, और इस पर चर्चा‑विचार के लिये राष्ट्रीय‑अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर तीखा विरोध उत्पन्न हुआ।
नया शुल्क क्या है और इसका दायरा कहाँ तक है?
USCIS ने एक स्पष्ट मेमो में कहा कि ट्रम्प की प्रोکلेमेशन "Restriction of Entry of Certain Non‑Immigrant Workers" केवल नए H‑1B आवेदकों को प्रभावित करेगी, मौजूदा F‑1 वीज़ा धारकों की यात्रा या वीज़ा नवीनीकरण की स्थिति नहीं बदलेगी। हालांकि, यह मेमो यह भी इंगित करता है कि नया $100,000 शुल्क केवल उन नियोक्ताओं पर लागू होगा जो विदेशियों को H‑1B के तहत नियुक्त करना चाहते हैं। शुल्क में जागरूकता शुल्क, बायोमेट्रिक शुल्क और प्रीमियम शुल्क सभी सम्मिलित हैं, जिससे कुल लागत पहले के $2,500‑$5,000 से तेज़ी से बढ़कर $100,000 हो गई।
पिछले नियम और अब क्या बदला?
पिछले सालों में H‑1B वीज़ा में मुख्यतः दो प्रमुख तत्व होते थे: वार्षिक लॉटरी प्रणाली और न्यूनतम वेतन मानदंड (उच्च कौशल वाले काम के लिए लगभग $80,000)। ट्रम्प की नई नीति ने दो बदलाव लाए – पहले, उच्च वेतन वाले पदों को प्राथमिकता देना, और दूसरे, शुल्क को अत्यधिक बढ़ाना। इससे नई लॉटरी जीतने वाले छात्रों को नियोक्ता की ओर से भारी वित्तीय समर्थन चाहिए, जो कई छोटे‑मध्यम उद्यमों के लिए गुमनाम हो सकता है।
F‑1 छात्रों के लिए क्या मतलब?
अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का प्रवास मार्ग F‑1 → OPT → H‑1B रहता है। अब, छात्रों को केवल OPT (Optional Practical Training) के दौरान सही समय पर नियोक्ता की प्रायोजन आवश्यकता ही नहीं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि नियोक्ता $100,000 शुल्क चुकाने को तैयार है। STEM (विज्ञान‑तकनीक‑विनिर्माण) क्षेत्रों में पढ़ने वाले छात्र अभी भी H‑1B के पात्र हैं, परंतु अब उनके प्रायोजन को "उच्च‑वेतन वाले पद" की शर्त के तहत देखना पड़ेगा। कई छात्र अपनी प्रायोजन रणनीति को पुनः विचार कर रहे हैं – कुछ ने वैकल्पिक वीज़ा (जैसे O‑1 या J‑1) की तलाश शुरू कर दी है, जबकि अन्य ने उल्लेख किया कि वे गृह‑देश में नौकरियों के लिए पुनः विचार करेंगे।

उद्योग की प्रतिक्रिया और आलोचना
ट्रम्प प्रशासन ने इस कदम को "H‑1B दुरुपयोग" के जवाब में पेश किया, जहाँ उन्होंने बड़े टेक कंपनियों को उदाहरण दिया:
- एक सॉफ़्टवेयर कंपनी को FY 2025 में 5,000 से अधिक H‑1B कार्यकर्ताओं की मंजूरी मिली, जबकि उसी समय 15,000 से अधिक अमेरिकी कर्मचारियों की छंटनी जारी हुई।
- एक आईटी फर्म को लगभग 1,700 H‑1B कार्यकर्ताओं की मंजूरी मिली, परन्तु ओरेगन में 2,400 अमेरिकी कर्मचारियों की छंटनी हुई।
- एक और फर्म ने 2022‑2025 में 25,000 से अधिक H‑1B कार्यकर्ताओं को स्वीकृति दिलाई, जबकि 27,000 अमेरिकी नौकरियों को हटाया।
विशेषज्ञों की राय: क्या यह नीति असफल होगी?
इमिग्रेशन विशेषज्ञ डॉ. अमरीश क़ादरी (University of California) ने कहा, "$100,000 का शुल्क केवल स्माल‑कैप कंपनियों को भयभीत करेगा, जिससे इनोवेशन और स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम पर गंभीर असर पड़ेगा।" वहीं, आर्थिक विश्लेषक लिंडा श्रेडर (Brookings Institution) ने नोट किया कि अगर कंपनियां वास्तविक कौशल वाली भूमिकाओं के लिये ही H‑1B का प्रयोग करें, तो दीर्घकालिक रूप से अमेरिकी श्रम बाजार को लाभ हो सकता है। दोनों पक्षों की सहमति यह है कि इस नीति के प्रभाव को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता और अगले फिस्कल वर्ष में संभावित संशोधनों की आशा है।

आगे क्या हो सकता है?
अगले कुछ महीनों में दो मुख्य परिदृश्य बन सकते हैं:
- नीति संशोधन – कांग्रेस के कुछ सदस्य इस शुल्क को असंवैधानिक या व्यापार‑विरोधी मानते हुए विधायी चुनौती की संभावना जताते हैं। यदि सफल हुआ, तो शुल्क कम या हटाया जा सकता है।
- कंपनी‑स्तरीय अनुकूलन – बड़े टेक दिग्गज संभवतः अपने इन‑हाउस इमिग्रेशन डिवीजन को मजबूत कर एकत्रित शुल्क को कई प्रायोजित कर्मचारियों में बाँट सकते हैं, जबकि छोटे फर्म्स अधिक लचीले वीज़ा विकल्पों (जैसे J‑1, O‑1) की ओर रुख कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, यह नीति न केवल F‑1 छात्रों के करियर योजना को बदलती है, बल्कि अमेरिकी हाई‑टेक उद्योग के वैश्विक प्रतिभा‑आकर्षण पर भी व्यापक असर डालती है। छात्रों को अब अपने करियर को कई वैकल्पिक मार्गों पर पैर रखना पड़ेगा – या तो अमेरिकी नियोक्ता के साथ दृढ़ता से गठजोड़ करके, या फिर गृह‑देश में बेहतर अवसरों की तलाश करके।
सारांश बिंदु
- नया $100,000 H‑1B शुल्क 21 सेप्टेंबर 2025 से लागू.
- केवल नए आवेदन पर लागू, मौजूदा F‑1 वीज़ा धारकों को नहीं.
- उच्च‑वेतन वाले पदों को प्राथमिकता, लॉटरी प्रणाली जारी.
- ट्रम्प प्रशासन ने तकनीकी कंपनियों के विदेशी कार्यकर्ता दुरुपयोग को लक्ष्य किया.
- छात्रों को अधिक वित्तीय और नियोजन चुनौतियों का सामना.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या नया शुल्क सभी H‑1B आवेदकों को प्रभावित करता है?
नहीं, यह केवल उन नियोक्ताओं को लागू होता है जो 21 सेप्टेंबर 2025 के बाद नए H‑1B वीज़ा के लिए आवेदन करेंगे। मौजूदा F‑1 वीज़ा धारक और उनके वर्तमान OPT अवधि पर कोई बदलाव नहीं है।
छात्रों को अब H‑1B लॉटरी के लिए कब आवेदन करना चाहिए?
परम्परागत रूप से लॉटरी विंडो मार्च में खुलती है। नए शुल्क को ध्यान में रखते हुए, छात्रों को अब अपने नियोक्ताओं के साथ पहले से योजना बनाकर, वित्तीय बाधाओं को समझकर आवेदन प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
क्या कोई वैकल्पिक वीज़ा विकल्प हैं?
हाँ, कई विश्वविद्यालय अब J‑1 एक्सचेंज वीज़ा या O‑1 (उत्कृष्ट क्षमता) वीज़ा की सलाह देते हैं, खासकर उन छात्रों के लिए जिनके पास उच्च विशेषज्ञता है और जिनकी नियोक्ता H‑1B शुल्क वहन नहीं करना चाहते।
यह नीति अमेरिकी तकनीकी उद्योग को कैसे प्रभावित करेगी?
छोटे स्टार्ट‑अप्स के लिए विदेशी तकनीकी प्रतिभा को नियुक्त करना महंगा हो सकता है, जिससे नवाचार गति धीमी हो सकती है। बड़े कंपनियों के पास लागत‑साझाकरण के माध्यम से इस प्रभाव को कम करने की क्षमता होगी, परन्तु कुल मिलाकर विदेशी प्रतिभा की संख्या में गिरावट और प्रतिस्पर्धा में परिवर्तन की संभावना है।
क्या इस शुल्क पर कानूनी चुनौती संभव है?
कई इमिग्रेशन वकील और व्यापार समूह पहले से ही इस कदम को असंवैधानिक या विदेशी-विद्यावान कामगारों के अधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखते हैं। यदि कांग्रेस इसे अपनाती है तो कानूनी चुनौती की संभावना अधिक है।
Abirami Nagarajan
अक्तूबर 5, 2025 AT 23:52अमेरिका की नई फीस नीति छात्र तनाव बढ़ा रही है।