UPSC Exam Pattern 2025 में बड़ा बदलाव – अब कॉन्सेप्ट समझना जरूरी
अगर आप UPSC Exam Pattern 2025 को पकड़ने की फिराक में हैं, तो सीधे शब्दों में – अब सिर्फ रटंत विद्या से काम नहीं चलने वाला। यूपीएससी ने पिछले कुछ सालों में अपने सवालों का तरीका पूरी तरह बदल दिया है। अब परीक्षा में उन्हीं का सिक्का चलता है, जिनको कॉन्सेप्ट्स पर गहरी पकड़ है। रट्टा मारने वाले कई बार किनारे रह जाते हैं, जबकि सोच-समझकर तैयारी करने वालों को ज़्यादा फायदा हो रहा है।
UPSC Prelims 2025 इस बार 25 मई को होने वाली है। पैटर्न वही है – दो पेपर: General Studies (GS) Paper 1 और CSAT। दोनों ही 200-200 अंकों के ऑब्जेक्टिव पेपर हैं। GS में इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था, विज्ञान – सब आता है। CSAT तो क्वालिफाइंग है, यानी 33% नंबर जरूरी हैं, लेकिन सीरियसली लेना अब भी चाहिए क्योंकि पेपर कभी भी टेढ़ा जा सकता है। निगेटिव मार्किंग जीतोड़ बनी हुई है—गलत जवाब देने पर 1/3 नंबर कटेंगे। इसलिए हर सवाल सोच-समझकर टिक करें।
अगर आप हाल के ट्रेंड देखें, तो अब करंट अफेयर्स पर सवालों का जोर बढ़ गया है। खासकर पर्यावरण से जुड़े मुद्दे, नई सरकार की नीतियां, और योजनाएं ज़्यादा आ रहे हैं। जैसे फ्रांस के साथ ग्रीन एनर्जी पार्टनरशिप या Project Elephant जैसी योजनाएं इस बार के संभावित टॉपिक्स में हैं। बजट 2025 और बीते एक साल की बड़ी खबरों की रेगुलर रिवीजन ज़रूरी है। अच्छे स्रोतों से डेली अपडेट रहना अब एक नियम हो गया है।
UPSC Mains 2025 – कैसे बदल गई है तैयारी की तस्वीर?
मेन परीक्षा में कुल 9 पेपर हैं। दो तो लेट डाउन वाले हैं—अर्थात एक भारतीय भाषा और एक इंग्लिश कम्पलसरी हैं, ये क्वालिफाइंग हैं। बाकी सात पेपर: एक निबंध, चार जनरल स्टडीज, दो ऑप्शनल—इन पर आपकी मेरिट बनती है। टोटल 1750 मार्क्स यहीं से बनते हैं, फिर पर्सनैलिटी टेस्ट यानी इंटरव्यू के 275 नंबर जोड़ें तो पूरी प्रतियोगिता 2025 मार्क्स की हो जाती है।
2025 के लिए PwBD कैंडीडेट्स को एक नई सुविधा दी गई है–अगर उन्हें अपने स्राइब (लिखवाने वाले) को बदलना हो, तो 18 मई 2025 तक मेल के जरिए UPSC को सूचना दी जा सकती है। इससे सभी को मौके और सुविधा मिलती है।
अब तैयारी की बात करें–बाजार और कोचिंग वाले भी मानने लगे हैं कि अब 10 से 12 घंटे रोज पढ़ाई करना बेसिक जरूरत बन गई है। इसमें भी बैलेंस जरूरी है–GS और CSAT दोनों को समय दें। विषयों में अंदर तक जाएं, हर मुद्दे को “क्यों” और “कैसे” के नजरिए से समझें। पुराने तरीकों से बने-ठने नोट्स, न्यूजपेपर की कटिंग, मासिक पत्रिका सबका सरप्राइज पैकेज बन गया है। खासकर करंट अफेयर्स की डेली, वीकली और मंथली रिवीजन फिक्स करें।
संक्षेप में, UPSC का नया पैटर्न सिर्फ ज्ञान की जाँच नहीं करता बल्कि यह भी देखता है कि आप उस ज्ञान को समझकर, असली दुनिया में कैसे लागू करते हैं। यही कारण है कि तैयारी का तरीका भी अब पूरी तरह बदल गया है—बुकिश नॉलेज की जगह समझदारी और अपडेट रहना पहली प्राथमिकता बन रही है।