महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए अहम बैठक में जुटेंगे एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा निर्णयकारी मोड़
महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई करवट आने की संभावना है। राज्य की सत्ता पर काबिज होने के लिए महायूति गठबंधन के शीर्ष नेता एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए दिल्ली में इकट्ठा होने जा रहे हैं। यह बैठक 28 नवंबर, 2024 को आयोजित की जाएगी, जिसमें शिवसेना के एकनाथ शिंदे, भाजपा के देवेंद्र फडणवीस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार शामिल होंगे। ये तीनों दिग्गज नेता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मिलकर राज्य में मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पदों के बंटवारे की रूपरेखा तैयार करेंगे। यह महासभा विधानसभा चुनाव के शानदार परिणामों के बाद हो रही है, जहां महायूति को 288 सीटों में से 230 सीटों पर जीत हासिल हुई है।
देखा जाए तो, इस सत्ता साझेदारी के हिस्से के रूप में यह बैठक राज्य सरकार की रूपरेखा को मजबूती से स्थापित करने का आधार बनेगी। एकनाथ शिंदे, जो कि फिलहाल कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा लिए गए निर्णय को स्वीकारने के लिए तैयार हैं। यह संकेत देता है कि भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार के चयन में ऊपरी हाथ रखती है। वहीं, देवेंद्र फडणवीस, जिनका नाम मुख्यमंत्री के लिए प्रबल दावेदारों में शामिल है, का कहना है कि महायूति के बीच किसी भी प्रकार के मतभेद नहीं हैं और सभी निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाएंगे।
महायूति गठबंधन की रणनीति
अजित पवार ने कहा है कि भविष्य की नई सरकार एक मुख्यमंत्री और दो उप-मुख्यमंत्री के फार्मूले पर चलेगी, जो महायूति गठबंधन के तीन बड़े घटकों का प्रतिनिधित्व करेगी। ऐसा अनुमान है कि नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह अगले दो दिनों के भीतर होगा, और कुल 20 विधायकों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। इसके अंतर्गत 10 भाजपा विधायक, 6 शिंदे सेना विधायक, और 4 राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) विधायक मंत्री पद की शोभा बढ़ाएंगे।
वहीं दूसरी तरफ, विपक्षी महा विकास आघाड़ी के नेता असंतोष में दिखाई दे रहे हैं। कुछ शिवसेना (UBT) नेता गठबंधन की प्रभावशीलता पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि, पार्टी के प्रमुख नेता उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और संजय राउत इस गठबंधन को बनाए रखने और भाजपा के खिलाफ एकजुट विपक्ष पेश करने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
यह नई सोच और रणनीतियों के साथ महायूति गठबंधन महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देने की तैयारी में है। इस बैठक में होने वाले निर्णय न केवल महाराष्ट्र की राजनीति में बल्कि भारतीय राजनीति की दिशा और दृष्टिकोण पर भी गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। इस प्रकार के राजनीतिक समीकरण और सत्ता साझेदारी सुनिश्चित करेंगे कि महाराष्ट्र नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ सके।