केंद्रीय बजट 2024: निर्मला सीतारमण के सातवें बजट से ऊंची उम्मीदें
केंद्रीय बजट 2024: निर्मला सीतारमण के सातवें बजट से ऊंची उम्मीदें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का सातवां लगातार केंद्रीय बजट पेश करने का ऐतिहासिक अवसर नजदीक है। 23 जुलाई, 2024 को वे इस महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देंगी। यह बजट कई मायनों में खास होने वाला है क्योंकि इस बार नरेंद्र मोदी सरकार के पास राजकोषीय फायदे की स्थिति है, जिससे वे अधिक सामर्थ्य और स्वतंत्रता के साथ बजट योजनाओं को प्रस्तुत कर सकती हैं।
इस बजट में विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और प्रोत्साहन की उम्मीदें की जा रही हैं। प्रमुख रूप से कर राहत की दिशा में योजनाएं लाई जा सकती हैं जो मध्यम वर्ग की बड़ी मांग है। इसमें बुनियादी छूट सीमा बढ़ाना या कर श्रेणियों का समायोजन शामिल हो सकता है। साथ ही, आवास ऋण की लागत में कमी की घोषणा करने की संभावना है, जिससे आम जनता को बड़ा लाभ मिलेगा।
गरीब शहरी महिलाओं के लिए नकद अंतरण योजना
वित्त मंत्री सीतारमण ने गरीब शहरी महिलाओं के लिए एक विशेष नकद अंतरण योजना की भी योजना बनाई है। इसका उद्देश्य उन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है जो शहरी क्षेत्र में गरीबी का सामना कर रही हैं। इस योजना से महिलाओं को उनके जीवन स्तर में सुधार करने और सामाजिक समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने का मौका मिलेगा।
इसके साथ ही, सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च और कल्याणकारी योजनाओं में भी बजट बढ़ाने की उम्मीद जताई है। यह कदम राष्ट्र की प्रगति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उत्पादन-संबंधित प्रोत्साहन योजना (PLI) का विस्तार
उत्पादन-संबंधित प्रोत्साहन योजना (PLI) का विस्तार भी इस बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है। यह योजना विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों को लाभ पहुंचाने की दिशा में तैयार की गई है, जिससे उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा और वे उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी कर सकेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को दीर्घकालिक सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए अपने वित्तीय दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह बताते हुए कि वित्तीय मुद्दों पर अत्यधिक जोर देना सही नहीं होगा, वे सलाह देते हैं कि सरकार को आर्थिक आवश्यकताओं का सामंजस्य बनाते हुए राजनीतिक आवश्यकताओं का भी ध्यान रखना चाहिए।
अंतरिम बजट ने 5.1% का राजकोषीय घाटा लक्ष्य निर्धारित किया था, जो वर्तमान आर्थिक संकेतों के अनुसार अपरिवर्तित रहने की संभावना है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए लाभांश और अधिक कर राजस्व से प्राप्त अपार लाभ का उपयोग घाटा कम करने की बजाय उच्च खर्चों को वित्त पोषित करने के लिए किया जा सकता है।
सरकार के वित्तीय समेकन पर ध्यान केंद्रित करने की दिशा में हर कोई नजरें गड़ाए हुए है, खासकर आगामी राज्य चुनावों के संदर्भ में। विकासशील क्षेत्रों में निवेश और योजनाओं के माध्यम से देश को समृद्ध करने की दिशा में यह बजट का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है।